Wednesday, March 12, 2014

CHEELU KA DUSRA INTERVIEW (CSE 2012)

चीलू 1.0 पहले रिलीज़ हुआ था http://untoldventures.blogspot.in/2011/04/name-cheelu-graduation-be-hons.html जो बाजार में धराशायी हो गया । एकदम चारों खाने चित्त !!! - (Marks - 153)

फिर अगले साल चीलू 2.0 रिलीज़ करने की सोची लेकिन प्रोडक्ट बहुत घटिया निकला अन्दर ही टेस्टिंग करते करते पूरा टाइम गुजर गया .. जियोग्राफी नामक वायरस ने ऐसा धोया की ससुरा रिलीज़ से 6 नंबर पीछे रह गया ...

फिर इस बार रिलीज़ का टाइम आया है चीलू 3.0 का ...अब तो ऐसा लगता है की चीलू सुदामा है । जो मिल जाए भिक्षा उसी को लेकर गुजर बसर कर लेगा ...

आदतें मेरी बदल सी गयी हैं ..
तेरे ख्यालों के ख़याल में ..
तन्हा रह गया है चीलू ..
दुनिया के इस बवाल में 




इस बार बड़ा अजीब सा था एक तो साक्षात्कार इतनी देरी से हुआ तब तक चीलू गा रहा था ..

आजा आजा मैं हूँ प्यार तेरा, अल्लाह अल्लाह इकरार तेरा ..आजा आ आ आजा आजा आजा आजा आ ...

जब डेट आई तो गाना चेंज ...

देखो वो आ गया देखो वो आ गया ...देखो ..

आइये आपका इन्तजार था आइये आपका इन्तजार था .. 
देर लगी आने में तुमको शुक्र है फिर भी आये हो ..
आइये आपका इन्तजार था ...

इस बार इंटरव्यू से पहले अजीब अजीब सी बातें सुनने को मिल रही थी । किसी का पाला मीठी छुरी से पड़ रहा था तो कोई रैपिड फायर खेल रहा था किसी के इंटरव्यू में बोलने के लाले पड़े थे तो कहीं इतनी विनम्रता दिख रही थी की लोग सोच रहे थे ..

आईला !!! ये इंटरव्यू ही है न !!!

एक दोस्त को तो बोला गया ...

बेटा, आपने लंच किया ?
नहीं सर 
तो कर लो 
थैंक यू सर 
करोगे ?
नहीं सर 
अरे चाय कॉफ़ी कुछ ?
नहीं सर बस ..
अरे पी लो ..
नहीं सर ..
पानी तो चलेगा ...
पानी!!!
हाँ पी लो पानी ..
दोस्त को लगा की पी लो यार अब ..
तो उसने दो घूँट मार ली ..

इसके बाद सवाल शुरू हुए 




खैर किसी तरह इंटरव्यू के दिन का इन्तजार समाप्त हुआ । चीलू के दो फ्लैट मेट्स का इंटरव्यू भी आसपास ही था । एक का 3 को और दूसरे का 4 को सुबह । चीलू का 4 को शाम को ...

3 वाले दोस्त के साक्षात्कार की चर्चा में 3 की शाम गुजरी और 4 को जब सुबह नींद खुली तो दूसरा दोस्त क्रीम पोत रहा था और फिर उसने सुगन्धित द्रव्य छिड़क दिया अपने शरीर पर । ऐसा लगा की आज तो ये मादकता से ही इंटरव्यू में रिझा देगा सबको ..

दोस्त को तिलक लगाकर विदा किया और चीलू वापिस बिस्तर पर आया ..कुछ देर सोचा क्या करे फिर सो गया । सही में सही में सो गया ... 9 बजे नींद खुली फिर से तो लोगों की बात याद आई की इंटरव्यू में जाने से पहले हिन्दू चाटो ... हिन्दू इतना बेस्वाद होता है की चाटने का मन नहीं करता (UPSC के बाद चीलू कभी हिन्दू नहीं चाटेगा मसालेदार TOI चाटेगा ..चटपटा ..नमकीन )।

देखा तो डार्क मैटर पहले पन्ने पर और केस्लर सिंड्रोम एडिटोरियल में !!!! 

दिमाग में डार्क एनर्जी भर गयी वाकई में ...और चीलू ने सिद्धार्थ वर्दराजन को खूब कोसा की पगले ये क्या कर दिया तूने ।  और साथ में उस पॉज़िट्रान को भी जो कमबख्त आज ही मिला है ...मन किया पकड़ के मारो उसको !

पर फिर मरता क्या न करता ...नासा की साईट पर जाकर दिमाग लगाने की कोशिश की लेकिन अफ़सोस ..

कुंद बुद्धि वालों को कुछ समझ नहीं आता है ..
जी जैसा मिचलाता है दिमाग बेकार पगलाता है ।

तो फिर चीलू ने लाइट ले लिया ।

अब पेट गुडगुडा रहा था मन में आया की कैसा पग्गल है चीलू आज के दिन भी भूख लग रही है । चीलू निकला बाहर और पेट में 4 केले ठूंस कर बोला ये ले मौज कर । साथ में 30 रूपये का एक मिक्स्ड जूस का खुरपी गिलास भी पी लिया ..

फिर लगा की अब नहा लिया जाये .. 10 दिन हो गए हैं ..कभी बदबूदार चीलू को बिना इंटरव्यू के ही न निकाल दिया जाए ...तो मलाई वाला पियेर्स साबुन है न उससे नहा लिया ...पर ज्यादा असर नहीं हुआ ।

तभी जो दोस्त इंटरव्यू देने गया था उसका कॉल आ गया ..

जय हो खोपड़ी वाले की ..कौन था 
रजनी राजदान 
कैसा हुआ 
दोस्त की हंसी और मदहोशी बयाँ कर रही थी की लड़का फोड़ कर आया है ...
सवाल क्या पूछे ?
एक कोने से शुरू करके उसने आधे घंटे तक सवाल बताये जवाब बताये ..
पुरे फैक्ट्स ही फैक्ट्स थे लेकिन दोस्त मेरा बहुत तेज है उसे सब कुछ याद रहता है ..
90% जवाब उसने दे दिए थे ...
सुनकर अच्छा लगा ..और चीलू खुश हो गया ..

फिर ध्यान आया अबे अपना भी इंटरव्यू है अभी !!!


आखिर वो घड़ी आ ही गयी जहां हर UPSC पुरुष अभियार्थी गले में कुत्ते का पट्टा डालता है और 10 बार शीशे में देखकर खुद ही खुश होता है .. "साला क्या दिखता हूँ मैं !!" ऐसा बोलता रहता है मन में ..

और हर समय ऐसा लगता रहता है की जुते गंदे हो गये हैं जैसे की इंटरव्यू न हो फैशन परेड में जाना हो ..

जब चीलू टाई पहन रहा था तो पता नहीं कहाँ से मन में ये गाना चलने लगा ..

गले में लाल टाई 
घर में एक चारपाई 
तकिया एक और हम दो 
एक ही है रजाई !

गिव अप हो गया ...अरे ये क्या आ रहा है दिमाग में ..विचार बदल चीलू विचार बदल ।

चीलू गाने लगा ..

वैष्णव जन तो तेन कहिये जे पीर परायी जाणी रे !!

लेकिन मन गन्दा तो बस बहती दूषित गंगा !!

एक तो पट्टा लगाना आता नहीं चीलू को दूसरा पट्टा लगता रहता है की हलक में कुछ अटक गया है ... खैर पट्टा पहना और चल पड़ा चीलू .. पहले सोचा की कार में जाये फिर लगा की कौन सा 'विवाह मूवी की पूनम' है चीलू जो धूप धुल धक्कड़ में मैला हो जायेगा ...चलो ऑटो में चलो ।

एक ऑटो वाले भाई को रोका ..भाई नहीं एक्चुअली कक्का थे ...

कक्का राम राम 
UPSC चलोगे !
कक्का ने घूर कर देखा ..
हैं !!!
अरे UPSC चलोगे ?
हैं !!
शाहजहाँ रोड !!!
हैं !!
इंडिया गेट ?
हाँ !!
चीलू ने चैन की सांस ली और कहा की वहाँ तक चलो वहाँ से मैं पहुंचा दूंगा 
पैसे कितने लोगे ?
जितने दे दो आप ..
मैं एक रुपया दूँगा चलोगे ?
क्यूँ मजाक करते हो !
मजाक आप कर रहे हो ...
तभी पीछे से एक अमीर आदमी अपनी कार में से चिल्लाया अबे ऑटो हटा इधर से ..
कक्का बोले .. बैठ जाओ आप 
चीलू बोला ..
125 रूपये लगते हैं ..
कक्का: ठीक है मीटर ओन कर देता हूँ  
तब चीलू ने गौर किया कक्का लाल आँखें लिए हुए थे ..
चीलू : दारु पी है न आपने ?
कक्का : नहीं नहीं पी है 
चीलू : अरे पी भी है तो कोई बात नहीं ...बस ये बताओ की आगे कितनी गाड़ियां खड़ी हैं ?
कक्का : 4
चीलू को चैन आया की चलो 1 एक 2 नजर नहीं आ रहे ..
कक्का ऑटो भगाने लगे ..बीच में एक सिग्नल आया तो कक्का ने बीडी निकल ली 
चीलू : शर्म नहीं आती पब्लिक प्लेस पर बीडी पीते हो 
कक्का : आती है पर चली जाती है 
चीलू : वाह अरे तू तो चीलू निकला !
कक्का : ये क्या है ?
चीलू : पहुंचा दो मुझे फिर बताऊंगा 

गिरते पड़ते धुंए और धुल से मुकाबला करते किसी तरह UPSC पहुँच गया चीलू ।

कक्का को विदा किया और धीरे धीरे चलते हुए गेट के बायें दूकान पर मोहल्ले के छिछोरे लडको की तरह एक टांग पर खड़ा हो गया चीलू ।


फिर तो देखा कहीं नीला आसमां है तो कहीं अंटार्टिका की चादर बिछी हुई है ।  कुछ भाई लोग ET में ऐसे घुसे हुए थे की डूब जायेंगे आज तो । कुछ को माँ ने बड़े दुलार से बाल संवार कर भेजा था और कुछ ऐसे थे जिन्होंने जिंदगी में पहली बार धुले कपडे पहने थे (चीलू भी एक था उनमें ) ।

चीलू ने चोको निकाली (चाकलेट ) और खाने लगा । देखा की दो चार देखे लोग मिल गए ..पता नहीं क्यूँ सब अरुण गोविल बने हुए थे ..मुस्कुराये जा रहे थे ।

चीलू ने एक भाई को चोको ऑफर की ...लो दोस्त पॉवर बूस्टर !

उसने इतनी गन्दी नजरों से वापिस देखा जैसे चीलू जहर खुर्रानी गिरोह का सदस्य है ..या बंगाली बाबा है जादू टोना करेगा । 

चीलू ने लाइट ले लिया और अपनी चोको चबाई फिर ऑर्बिट चबाया फिर एक चोको चबाई ।

गेट के बहार बड़ा मजेदार दृश्य होता है ..

एक दोस्त ने कम से कम 10 बार अपने डाक्यूमेंट्स चेक किये और बार बार पूछ रहा था कुछ और तो नहीं चाहिए कुछ और तो नहीं चाहिए !!

एक भाई वहीँ खड़े खड़े मैडिटेशन करने लगा ..

चीलू ने नजर दौडाई तो एक बाला नजर आई । उसका चेहरा दूसरी ओर था लेकिन उसके बाल बहुत सलीके से गठे हुए थे । मन किया की निहार आये चीलू एक पल के लिए ही सही ...फिर याद आया कल क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट बिल  पर राष्ट्रपति महोदय ने हस्ताक्षर कर दिए हैं । 

चीलू ने फिर लाइट ले लिया ... और दिमाग में आया की बेटा CLAA याद कर लो और कट्टी मारो यहाँ से ।

इसी उधेड़ बुन में चीलू ने सोचा चलो कुछ चीलुआपा करते हैं 

चीलू ने अपने गले का पट्टा खोल दिया ...और 

बोला जय नियतिवाद !!!

आज बिना टाई के इंटरव्यू दिया जाएगा ..देखते हैं क्या होता है ।

पट्टा खोलते ही अजब सा सुकून मिला ...मंद समीर के झोंके शारुख खान की मूवी की तरह चलने लगे ...

फिजा रंगीन सी हो गयी ...

अन्दर बुलाया गया तो गेट पर लाइन लग गयी ..

एक तो ये भारत में हर जगह लाइन बड़ी लगती है ... ऐसा लग रहा था की आगे खाना और कम्बल बंटेगा ।

चलो अन्दर पहुँच गए ..देख देखा सा कमरा था तो कुछ नयापन नहीं लगा ।

साथ में ग्रुप में और लोग थे ... और फिर वो होता है न अजीब सा की बात भी करना चाहते हैं पर क्या बात करें समझ में भी नहीं आता तो बस ऐसे ही मुस्कुराते रहो । वही शुरू हो गया ..

तो आप कहाँ से हैं ..
क्या करते हैं 

अच्छा सही है 

और कैसा लग रहा है .. अरे पगले खुद तेरे को कैसा लग रहा है !

कौन सा बोर्ड आएगा ?

इस बार तो स्ट्रेस इंटरव्यू नहीं हो रहे हैं न !!

ओक्क ..ओक्के ..ओह्ह 

या या ..या या ..इट्स आल लक (सब दुसरे को लक लक बोलते हुए मन में सोचते हैं की मैंने तो पढ़ा है हा हा हा हा हा )

चीलू ने फॉर्म सा कुछ भरा और फिर पानी पीने के लिए उठा ...

सारी नजरें घूरने लगी 

"अरे इसने टाई नहीं पहनी है !"

"ओह्ह ! अरे पहन लो "

"फॉर्मल रहो ..बिना टाई के मत जाओ "

"ही ही ही ..अच्छा ही है एक कम्पटीशन में एक कम हुआ !"

सबकी नजरों को पढ़ कर चीलू ने पानी पिया और वापिस आ गया ...

जैसे ही वापिस आया 2:10 हो चुके थे ..उसी समय एक दोस्त आ गया की आपका नंबर आ गया 

PA बोर्ड है ..  (महामहिम!)

चीलू उठा और चल दिया ...

जाते हुए जिसको देखो वो हाथ मिला रहा है ..यहाँ दिल में गुलगुले उठ रहे हैं और सब अंगूठा दिखा रहे हैं ..आल डी बेस्ट !

चीलू को भी लगा चलो हर कुत्ते का दिन आता है आज चीलू का भी आ गया ...

और चीलू को महामहिम जी के कार्यालय के सामने बिठा दिया गया ..

लगभग 15-20 मिनट वहीँ बैठे रहा और आस पास देखा की तब तक रजनी मां ने दो बच्चों का इंटरव्यू ले लिया है ..मेरा तो शुरू होना था ।

तभी अन्दर से कोई बहार निकला और बोल की सर ने मुझे डांट दिया है ..सर खराब मूड में हैं ।

चीलू को लगा की ... लो गयी भैंस पानी में ..गयी भैंस पानी में ।

चीलू फिर सोचने लगा की अन्दर जाकर कैसे बोलेगा ?


फिर बजी घंटी .. tann और साथ में चीलू के दिल के तार भी छन्न !

चीलू : क्या मैं अन्दर आ सकता हूँ सर? 
सर : आइये 

सर हलके हलके मुस्कुरा रहे थे ..देख कर अच्छा लगा और तनाव उड़नछू हो गया । सर के चेहरे पर मिश्रित भाव जैसे गुंथे हुए थे ।

चीलू : आप सभी को गुड आफ्टरनून 

सर : बैठिये 

चीलू बैठ गया ... जिस पर बैठा वो घुमने वाली कुर्सी थी टायर वाली । वो घटना पता नहीं कहाँ से याद आ गयी जिसमे एक भाई आई कांटेक्ट बनाने के चक्कर में पूरा घूम गया था । राउंड राउंड ... और चीलू को हंसी सी आ गयी 

सर : चीलू ! आपने symantec में जॉब की है फिर छोड़ दी ?

चीलू : हाँ सर छोड़ दी 

चीलू सोचने लगा की क्या ये भी काउंट होगा जवाब की तरह लोपो 

सर : अभी क्या कर रहे हो ?

चीलू : सर सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा हूँ  

(मन में आया था की बोलूं सर इंटरव्यू दे रहा हूँ कुछ हयूमर लाऊं लेकिन हिम्मत नहीं हुआ दांव खेलने की )

सर : आपकी हॉबी है साइंस फिक्शन और स्पाई मूवीज देखना ?

चीलू : जी सर 

सर : और आपको इंटरनेशनल अफेयर्स में भी इंटरेस्ट है ?

चीलू : जी सर 

(चीलू ने सोचा की कुछ तो सर भूमिका बना रहे हैं और अब चीलू को कोपचे में ले लिया जाएगा .. IR कहाँ से आ गया !)

सर : चीलू, कुछ साल पहले एक साइंस फिक्शन मूवी आई थी जिसे चाइना में बैन कर दिया गया था आपकी हॉबी है आपको पता होना चाहिए ।

चीलू : सर, क्या आप अवतार मूवी की बात कर रहे हैं 

सर : हाँ , गुड 

सर : बताइए क्यूँ बैन किया गया था ?

चीलू : सर, पूरी तरह से विश्वस्त नहीं हूँ लेकिन कोशिश करना चाहता हूँ ?

सर : कीजिये 

चीलू : सर मूवी में उड़ते पहाड़ दिखाए गए थे जो चाइना में एक जगह शूट हुए थे । उसको लेकर मोशन पिक्चर और चाइना के बीच कुछ विवाद हुआ था ....

सर : नहीं इस्मे क्या है ..कोई विवाद नहीं था । उन्होंने बाद में राइट्स ले लिए थे । कुछ और सोचिये ..

चीलू : सर, माइनिंग राइट्स और लोगों के अधिकारों का विवाद था 

सर: क्या विवाद था 

चीलू : सर मूवी की सेंट्रल थीम थी की कैसे हम लोग अपने आर्थिक हितों के लिए अंधाधुन्द माइनिंग कर रहे हैं और इस प्रकिर्या में उन जनजातियों+ पर्यावरण का ध्यान नहीं रखा जा रहा जो वहाँ सदियों से रह रही हैं  । चाइना भी एक कम्युनिस्ट रिजीम है और वहाँ भी माइनिंग करते हुए  स्थानीय लोगों के अधिकारों का हनन होता है कई बार । इस मूवी से चीन की सरकार को लगा की वहाँ आक्रोश पनप सकता है इसलिए उन्होंने मूवी पर प्रतिबन्ध लगा दिया ...

सर : बहुत बढ़िया ..पता तो था आपको ..अच्छा अब मूवी की स्टोरी बताइए 

चीलू : सर पैंडोरा नामक प्लेनेट पर जाकर मानव जाति unobtanium नामक खनिज को खोजने का कार्य करती है ...और ...

(यहाँ पर सर ने मुझे रोक दिया और कहाँ ठीक है ...एक्चुअली मुझे लगा की सर ये चेक करना चाहते हैं की मैंने मूवी देखि भी है या नहीं ...तो मैंने जान बूझ कर टेक्निकल शब्दों का प्रयोग कर दिया जैसे unobtanium .. खैर पता नहीं ..)


सर : भारत में भी आजकल ये बैन होने का कार्यक्रम चल रहा है ..सेंसर बोर्ड पास कर देता है लेकिन फिर मूवी बैन हो जाती है आपकी इस विषय में क्या प्रतिकिर्या है ?

चीलू : सर, व्यक्तिगत तौर पर मुझे लगता है की किसी भी कला जैसे मूवी आदि में अभिव्यक्ति की पूर्ण स्वतंत्रता का होना आवश्यक है तभी विचारों का उत्कृष्ट रूप सामने आएगा । समाज में टॉलरेंस का गुण होना आवश्यक है ...लेकिन फिर स्टेट को भी कभी कभी प्रग्मटिक डिसिशन लेने होते हैं क्यूंकि हमारे संविधान में स्वतंत्रता पर आर्टिकल 19 (2)....के आधार पर बंधन लगाये गए हैं ..पब्लिक आर्डर , संप्रभुता ..आदि आदि  इसलिए स्टेट बैन कर देता है 

सर : लेकिन सेंसर बोर्ड तो पहले पास कर ही देता है सब देख कर के फिर भी हम लोग बैन कर देते हैं ... सेंसर बोर्ड भी परिवर्तित होता रहा है ..पहले चुम्बन, हिंसा आदि को नहीं दिखाया जाता था अब दिखाया जाता है आराम से ..

चीलू , आपने पहला जवाब इतना अच्छा दिया लेकिन अब आप डिप्लोमेटिक हो रहे हैं .. 

और फिर सर अपनी एक कहानी बताने लगे .. : की वो कहीं गए थे मूवी देखने वहाँ पर एक कास्ट के लोगों को कुछ बुरा लगा दुसरे को कुछ और तीसरे को कुछ और ...और फिर जोरों से हंसने लगे ..सारे मेम्बर हंसने लगे ...

चीलू, अब मैं तुमको एक सिचुएशन दूंगा और तुमको हाँ या नहीं में उत्तर देना होगा 

चीलू : ओके सर 

सर : तुम डीएम हो और discretion  है तुम्हारे पास बैन करने का मूवी । बताओ क्या करोगे ?

चीलू : सर, मूवी सेंसर बोर्ड से पास हो गयी है न 

(ये चीलू ने पग्लैत वाला काम किया लेकिन वहाँ पर कुछ भी निकलता है मूंह से)

सर: हाँ तभी तो रिलीज़ हुई है 

चीलू : सर, मैं बैन नहीं करूँगा 

सर : आप sure हो 

चीलू : हाँ सर 

सर : क्यूँ ?

चीलू : सर, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ..विचारों का प्रवाह ...कला का उत्कृष्ट रूप ...आदि आदि (याद नहीं है क्या बोल था )

सर : तो क्या करोगे ?

चीलू : सर दो चीजें ..पहला लव एंड आर्डर प्रोटेक्ट करना मेरी जिम्मेदारी है तो उसे सुनिश्चित करूँगा ..और दूसरा जो वर्ग विरोध कर रहा है उससे बात करने का प्रयास करूँगा ...

सर : अच्छा ये बताइए की एक स्टेट का क्या रोले होना चाहिए इस तरह के मुद्दों में ? और स्टेट मतलब केवल सरकार नहीं बोल रहा हूँ ..समाज आदि आदि ..

चीलू : सर मुझे लगता है की स्टेट को एक विज़न देने की आवश्यकता होती है और इसलिए कभी कभी हमें आइडियाज को प्रोटेक्ट करने के लिए स्वतंत्रता का वास्तविक मूल्य समझना पड़ता है .. समझना पड़ता है कैसे एक आईडिया जिसे हम बैन करने जा रहे हैं कल को समाज और विश्व में बदलाव ला सकता है ...यदि हर बात पर हम प्रतिबन्ध लगाने लगे तो विचारों का ये प्रवाह रुक जाएगा ।

(एक्चुअली सर डिप्लोमेटिक जवाब देने नहीं देते ...और चीलू मन से ये विश्वास करता है की कला पर कोई प्रतिबन्ध नहीं होने चाहिए तो स्टैंड ले लिए अब चाहे जो हो ...)


सदस्य 1 : चीलू, आपने सेंसर बोर्ड की बात की आपको पता है की सेंसर बोर्ड के अलावा मूवी रिलीज़ होने से पहले कौन कौन देखता है ?

चीलू : सॉरी सर, पता नहीं 

सदस्य 1 : चीलू, सेंसर बोर्ड के सदस्यों को कहाँ कहाँ से लिया जाता है 

चीलू : एक्साक्ट्ली पता नहीं सर लेकिन कला , सामाजिक आदि क्षेत्रों से 

सदस्य 1 : अभी जो मेंबर्स हैं उनकी प्रोफाइल पता है आपको ?

चीलू : लीला S ....

सर : वो तो हेड करती हैं ..मेंबर्स की ?

चीलू : पता नहीं 

सदस्य 1 : टीवी सीरियल का रेगुलेशन कौन करता है ?

चीलू : मैं sure नहीं हूँ 

सदस्य 1 : सेंसर बोर्ड नहीं करता ..

चीलू : वीडियोस का रेगुलेशन तो करता है टीवी सेरिअल्स का शायद पर मैं sure नहीं हूँ 

सदस्य : ओके कोई बात नहीं 

सदस्य : आपने प्रोजेक्ट टाइगर का नाम सुना है ?

चीलू : जी हाँ 

सदस्य : बताइए कुछ इसके बारे में 

चीलू : वही कब शुरू  हुआ ..बाघों का संरक्षण करते हैं ...टाइगर रिज़र्व बनाये हैं .. आदि आदि 

सदस्य : ठीक है ये बताइए की ये काम कैसे करता है ?

चीलू : सर क्या आप आर्गेनाईजेशन स्ट्रक्चर  पूछ रहे हैं ?

सर : नहीं ... 

सदस्य : इसमें फीड करते हैं ..क्या करते हैं ?

चीलू : सर टाइगर को कांसेर्वे करने के लिए जितने स्टेप्स हो सकते हैं वो सारे ..जैसे शिकार  से खतरा है तो उससे रिलेटेड नियम ..फिर टाइगर reserves में लोगों के रहने, पेड़ काटने आदि से सम्बंधित लॉ आदि आदि ..

(एक्चुअली वहाँ पर मुझे ध्यान नहीं आया इसमें बहुत चीजें होती हैं .. पर खैर मैंने तो यही बोला ..)

(इनके काफी प्रश्नों का जवाब दे नहीं पाया था इसलिए थोडा अजीब लग रहा था ..खैर ..)

सदस्य दो  
(मैं दुआ कर रहा था की मुझे नार्थ ईस्ट पर प्रश्न पूछेंगे वो क्यूंकि वो NE से ही थे ..और मैंने नागालैंड , मणिपुर को दूसरी और तीसरी चॉइस भरा है ..पर अफ़सोस )

सदस्य 2 : व्हाट इस एनिमल वेलफेयर बोर्ड ?

चीलू : कुछ बताया ..

सदस्य 2: क्या करता है ये ?

चीलू : सर बहुत precise नहीं पता .. मोटा मोटा पता है 

सदस्य : फिर रहने दो 

चीलू : ओके सर 

सदस्य : पॉलिटिकली इन्कोर्रेक्ट का नाम सुना है ?

चीलू : जी सर 

सदस्य : क्या होता है ?

चीलू : सर उदहारण दे सकता हूँ ?

सदस्य : नहीं ! डेफिनिशन बनाओ इसकी ..

(मैं मन में सोचने लगा ..) 

सदस्य : क्या ये बस पॉलिटिक्स से रिलेटेड टर्म है ?

चीलू : नहीं सर , बड़े कॉन्टेक्स्ट में देखें तो नहीं है ...

सदस्य : ठीक है बनाओ 

चीलू : यार अभी मुझे परिभाषा जो बनायीं याद नहीं है ..लेकिन 3-4 लाइन्स की थी और मैंने बोल दी थी ..देखा तो सदस्य मुस्कुरा रहे थे और सर भी मुस्कुरा रहे थे ..फिर उस पर क्रॉस क्वेश्चन नहीं हुआ 

सदस्य : NAM के बारे में सुना है बताओ 

चीलू : पूरा बता दिया की आजादी के बाद ..दो गुट बने थे ..फिर भारत और कुछ देशों ने मिलकर ये किया वो किया ...इंडिपेंडेंट फॉरेन पालिसी ...बकर बकर बकर 

सदस्य : ठीक है ... कौन से देश थे शुरुआत में भर के साथ 

चीलू : इंडो ...युगों ... मिस्र ...और मुझे याद नहीं आ रहा है 

सदस्य :हम्म ..सर हिलाकर 

सदस्य : अच्छा टाइगर रिज़र्व की बात की आपने ये बताइए की टाइगर इतना इम्पोर्टेन्ट क्यूँ है और भी तो जानवर है ...उनपर इतना फोकस क्यूँ नहीं होता ...माना की टाइगर नेशनल एनिमल है लेकिन फिर भी ..

चीलू : सर, टाइगर इकोसिस्टम में शीर्ष पर आता है ...फ़ूड चैन में ऊपर आता है ..इसका अर्थ है की टाइगर को कांसेर्वे किया [अर्थात पूरी नीचे की बायो डाइवर्सिटी को बचा रहे हैं हम ...पुरे फारेस्ट को बचा रहे हैं क्यूंकि बाघ को रहने के लिए काफी बड़ी जगह चाहिए ...पुरे एको सिस्टम को बचा रहे हैं ...बाघ एक तरह का सबसे बड़ा सिंबल है .. आदि आदि ...

सदस्य : sure हो आप 

चीलू : जी सर 

सदस्य : अच्छा प्रोटेक्टेड फारेस्ट क्या होता है ?

(चीलू कनफुसिया गया )

चीलू : सर मुझे पता तो हैं की प्रोटेक्टेड और रिजर्व्ड फारेस्ट क्या होते हैं लेकिन थोडा सा कन्फ्यूज्ड हूँ ..कोशिश करूँ 

सदस्य : हाँ 

चीलू : सर, एक में पॉजिटिव लिस्ट होती है एक में नेगेटिव लिस्ट होती है ...पॉजिटिव मतलब ये और निगातिवे मतलब वो ...लेकिन मुझे ये याद नहीं है किस्मे पॉजिटिव होती है किस्मे नेगेटिव । 

(सब लोग इतना बोलने का मौका दे रहे थे ..कोई रोक नहीं रहा था ...मैंने कनखियों से देखा तो सर हंस रहे थे )

********************

सदस्य 3 


सदस्य : चीलू आपकी प्रोफाइल में क्रिएटिविटी नजर आ रही है ...कविता लिखते हो ...प्रेस क्लब को हेड किया ...अवार्ड जीते क्रिएटिव राइटिंग में  ....क्या क्रिएटिविटी केवल लेखन में होती है ?

चीलू : नहीं सर, आर्किटेक्चर , म्यूजिक डांस , स्कल्पचर , आदि आदि ..यहाँ तक की एडमिनिस्ट्रेशन में भी क्रिएटिविटी होती है 

सदस्य : ओह्ह एडमिनिस्ट्रेशन में भी ..

चीलू : जी सर ..आप चाहें तो मैं उदहारण देना चाहूँगा 

सदस्य : ठीक है 

चीलू : सर उत्तर पूर्व में NRHM और JSY जैसे कार्यक्रम असफल हो रहे थे क्यूंकि कई जगह जनजातीय क्षेत्रों में संस्थागत डिलीवरी का कांसेप्ट नहीं है .. और कितना भी इंसेंटिव दे दें वो लोग PHC या institutions के पास नहीं आ रहे थे । वहाँ के एडमिनिस्ट्रेशन ने एक नारा दिया की 

आप अगर institution के पास नहीं आओगे तो institution आपके पास आएगा ..

वहाँ जनजातीय क्षेत्रों में कार्य करने वाली दाइयों को आशा anm बना दिया गया ...और उनको ट्रेनिंग एक़ुइप्मेन्त्स दवाइयां आदि दे दी गयी ..

ये क्रिएटिविटी का उदहारण है 

(पूरा उत्तर आराम से सुना सबने ..)

सदस्य : हाँ ..लेकिन फिर इनोवेशन क्या है ...ये तो इनोवेशन हो गया 

चीलू : सर इनोवेशन में कुछ नयापन होता है ..नयेपन में कुछ क्रिएटिविटी तो होती ही है 

सदस्य : अच्छा मैं समझता हूँ की एक क्रिएटिव व्यक्ति अच्छा पप्रशासक नहीं हो सकता । आपको क्या लगता है ?

चीलू : सर मैं आपकी बात से थोडा असहमत हूँ 

सर (PA) : थोडा असहमत हो की पूरा असहमत हो ..हँसते हुए 

चीलू : सर, पूरा असहमत हूँ .. हँसते हुए ..मुझे ये लगता है की आजकल तो एडमिनिस्ट्रेशन में क्रिएटिविटी की सख्त जरुरत है

सदस्य : आपको पता ही अकोई नाम जिसने ऐसी क्रिएटिविटी लगायी हो ..

चीलू : सर नाम तो नहीं पता लेकिन केस स्टडीज पता है ..

सर (PA ) : अरे तो हो तो गया नाम ...

चीलू : सर , सुनाऊं ?

सदस्य : हाँ 

चीलू : सर udaipur में प्राइमरी स्कूल की हालत और शिक्षा की गुणवत्ता को सुधरने के लिए एक NGO और प्रशन द्वारा एक क्रिएटिव स्टेप लिया गया ...

सर अभी अध्यापन से जुडी तीन समस्याएं हैं : 

1> अध्यापक स्कूल आते नहीं हैं 
2> आते हैं तो पढ़ाते नहीं हैं 
3> पढ़ते हैं तो गुणवत्तापूर्ण नहीं पढ़ाते हैं

किया क्या गया की स्चूलों में एक मोबाइल दिया गया जिससे हर बार जब क्लास शुरू हो और जब क्लास ख़तम हो तो टीचर्स को अपनी फोटो और क्लास के बच्चों की फोटो टाइम स्टाम्प के साथ भेजनी होती थी ..फोटो जिला प्रशासन के पास एक जमा हो जाती थी ..

जो अध्यापक ऐसा 1 माह तक करते ..उनके टाइम स्टैम्प्स को देखकर उनको कुछ इंसेंटिव दिया गया ..

फिर क्लास में पिक्चर में बच्चों की संख्या के आधार पर भी इंसेंटिव तय किया गया तो टीचर्स ने आगे आकर बच्चों के घर जा जाकर उन्हें बुलाना शुरू किया ..

 इससए ER काफी इम्प्रूव हो गया ...

यहाँ पर सर ने मुझे रोक दिया 

[प्रश्न का उत्तर लम्बा हो गया लेकिन वो लोग सुने जा रहे थे तो मैं बोल जा रहा था ... ]

PA सर : तुमने आईडिया तो दे दिया है ..लेकिन उनका प्रश्न कुछ अलग है 

सदस्य : तुम्हारी जैसी क्रिएटिविटी का कुछ प्रयोग ... ?

चीलू : सर एक और उदाहरन देना चाहता हूँ ..

सदस्य : ओके ..

चीलू : सर , हमारे उत्तराखंड में चिपको आन्दोलन एक बहुत क्रिएटिव नारे के आधार पर खड़ा हुआ था ऐसे हम उसे कर सकते हैं ..

जब ठेकेदारों ने और सरकार ने पेड़ काटने का परमिट दिया तो एक नारा दिया गया ..

वृक्षों के हैं क्या उपकार 
विदेशी मुद्रा के भण्डार 

आप जून्टा ने इस नारे को अपनी क्रिएटिविटी से उलट दिया और कहा 

वृक्षों के हैं क्या उपकार 
मिटटी पानी और बयार 

मिटटी पानी और बयार 
जीवन के हैं ये आधार 

इस आधार पर पूरा आन्दोलन खड़ा हो गया ..

(मैंने सर की और देखा तो वो गंभीर मुद्रा में थे )

सदस्य : अच्छा मैं आपको एक सिचुएशन देता हूँ .. आपके नीचे आपका subordinate काम करता है । वो बहुत ज्यादा efficient है लेकिन उसकी एक प्रॉब्लम है वो दिन भर पेंसिल छिलता रहता है ...छिलता ही रहता है ...

(जब मैं ये सुन रहा था तो लगा की क्या चॆलुआप है चीलुयापा हो गया ..पेंसिल छिलता है ..पग्गल है क्या !!!!)

बताओ क्या क्रिएटिव तरीके से उससे काम करवाओगे ?

(विश्वास कीजिये तुरंत बिना सोचे चीलू के मूंह में आया .. )

चीलू : सर , उसे पेन दे दूंगा !

(तभी चीलू ने जॊर का अट्टहास सुना ...देखा तो PA सर दहाड़ें मार मार के हंसने लगे ...उनकी देखा देखि सारे मेंबर्स हंसने लगे ..और 10-15 सेकंड तक सब हँसते ही रहे .. चीलू को लगा की उसके ऊपर हंस रहे हैं ...तो तो वो खुद भी हंसने लगा ...)

सदस्य : अरे मेरा पूछने का मतलब ....

(हँसते हँसते PA सर ने उनको चुप रहने का इशारा किया और अगले मेम्बर की तरफ मुड़े )

वो सदस्य चुप हो गये 


तभी पुराने सदस्य ने कहा सर एक मिनट ..

सर ने हामी भरी ...

सदस्य : आपने symantec में काम किया है .. वायरस क्या होता है ?

चीलू : वाइटल इनफार्मेशन रिसोर्सेज अंडर sieze !!!

(सारे लोग आँखें फाड़ फाड़ के देखने लगे ..)

मैंने तुरंत कहा ..सर basically  वायरस एक कंप्यूटर कोड होता है एक प्रोग्राम ..जो किसी और प्रोग्राम में attach  होकर रिसोर्सेज को cripple करता है ...किसी भी तरह का निकसान पहुंचा सकता है 

सदस्य : अच्छा कंप्यूटर वायरस और बायोलॉजिकल वायरस में सिमिलरिटी क्या है ?

चीलू : सर दोनों डायरेक्टली इन्दिरेक्ट्ली HR को नुकसान पहुंचाते हैं 

सदस्य : ठीक है कुछ और बताइए 

चीलू : पता नहीं सर 

सदस्य : दोनों में ही आटोमेटिक replication होता है 

चीलू : सॉरी सर, वायरस में ऑटोमेटिकली replication नहीं होता है ..worm में होता है ..वायरस को एक और प्रोग्राम चाहिए वो automatically  replicate नहीं होता है ..

सदस्य : वही वही लगभग एक ही बात है ..

चीलू : ओके सर 

(यहाँ पर थोड़ा सा जोश जोश में मैंने अपनी सीमाएं लांघी और टेक्निकल बातों में चला गया ..एक्चुअली PA सर को देखा तो वो हामी दे रहे थे तो जोश में बोल दिया ..ये ब्लंडर साबित हो सकता है   )

सदस्य : अच्छा आपको डीएम के पद पर एक सिस्टम लेना है तो उसकी configuration क्या होगी ?

चीलू : इस पर निर्भर करेगा की किस बात के लिए सिस्टम ले रहे हैं सर 

सदस्य : आप ही choose कीजिये 

चीलू : सर मैं ज्यादा मेमोरी इंटेंसिव सिस्टम नहीं लूँगा ... और configuration होगी इतनी RAM, इतना प्रोसेसर ...आदि आदि ...

बीच में उन्होंने मुझे रोका ..

सदस्य : आप हाई मेमोरी इंटेंसिव सिस्टम क्यूँ नहीं लोगे ? डीएम को तो बहुत बड़े बड़े डाटा रखने पड़ते हैं ..

चीलू : सर हाई मेमोरी इंटेंसिव सिस्टम्स का अर्थ मैंने सर्वर लेवल के सिस्टम्स से लिया ... जैसे आधार नंबर को सर्च करने के लिए सिस्टम आदि आदि ...बाकी ...

सदस्य : ओके ओके ..ठीक है ठीक है 

सदस्य : अच्छा आप स्पाई मूवी देखते हो ? लास्ट मूवी कौन सी देखि थी 

चीलू : Skyfall बांड सीरीज 

सदस्य : हम्म ..

और कोई मूवीज : बॉर्न सीरीज ...तिनकर टेलर ...गुड शेफर्ड ...आदि आदि 

सदस्य : आपने गौर किया की आपने इंग्लिश मूवी के ही नाम लिए ...आप ..

(यहीं पर PA ने उनको रोक दिया और अगले मेम्बर से सवाल करने को कहा शायद समय ज्यादा हो रहा था )



अंतिम सदस्य 5 :

सदस्य : ICBM का नाम सुना है 

चीलू : इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल , 5000 किलोमीटर से ऊपर लगभग ..एक कॉन्टिनेंट से दुसरे कॉन्टिनेंट में ..

सदस्य : इसका पाथ कैसा होता है ?

चीलू : प्रक्षेप बनाते हुए चलती है ...चूँकि फिक्स्ड टारगेट होता है ...यहाँ पर बहुत मन हुआ की हाथ उठा कर समझा दिया जाए ..सर एक लूप सा बनता है ... PA सर की और देखा तो उन्होंने हामी भरी तो मैं चुप हो गया 

(पता नहीं क्यूँ उन पर मुझे भरोसा सा हो रहा था ..)

सदस्य : अब बताओ एक्साक्ट्ली कैसे काम करता है ? कहाँ कहाँ क्या होता है ?

चीलू : सर फिक्स्ड टारगेट हैं तो coordinates पहले से फिक्स्ड करके फिर फ्यूल से थ्रस्ट दिया जाता है ...एक्शन रिएक्शन ..न्यूटन का नियम आदि आदि 

सदस्य : कौन से फ्यूल होते हैं ?

चीलू : सॉलिड / लिक्विड ..सर नाम पूछ रहे हैं आप ?

सदस्य : नहीं ठीक है यही होते हैं ..नाम की जरुरत नहीं ..अब ये बताओ की थ्रस्ट मिल गया मिसाइल चल गयी अब क्या होगा ..आगे थ्रस्ट कैसे मिलेगा ..पहले ये बताओ की कितनी हाइट तक जाती है ?

चीलू : हाइट एक्साक्ट्ली मुझे नहीं पता 

सदस्य : 10- 15 किलोमीटर ?

चीलू : नहीं सर .. 5000 km दूर जाना है तो ज्यादा हाइट होगी 

सदस्य : ओके तो नीचे atomphere से ऊपर पहुँच जायेगी ..फिर ..एक्साक्ट्ली क्या होगा 

चीलू : सर पता नहीं ..

सदस्य : कोशिश करो ..

चीलू : सर, कुछ कुछ स्पेस क्राफ्ट  की analogy लगाऊं तो  ऊपर पहुँच कर path में change आएगा ...लेकिन वहाँ पर उसको वापिस थ्रस्ट की जरुरत नहीं पड़ेगी ..थ्रस्ट इनिशियल  ही देना होगा  ..

सदस्य : ठीक है ...अब ये बताओ वापिस जब नीच की ऒर रे इंटर करेगी तब कैसे होगा ?

(अभी मुझे समझ नहीं आ रहा था ...वैसे बहार निकल के मैं एक्साक्ट्ली समझ गया की क्या पूछना चाह  रहे थे वो )

चीलू : मैं sure  नहीं हूँ

सदस्य : अरे आपने ही तो बताया था coorinates पता हैं अब एडजस्ट करके उसे फिर थोडा थ्रस्ट दे देंगे ..

चीलू : जी सर 

(फिर कहीं से क्रूज मिसाइल आ गयी ..याद नहीं कहाँ से )

सदस्य : क्रूज मिसाइल मूविंग टारगेट को हिट कर सकती है ..कैसे 

चीलू : हीट सिग्नेचर , इंफ्रारेड वेव्स 

सदस्य : हामी भरते हुए ..ठीक है पर एक्साक्ट्ली वो इन्त्रुमेंट बताओ जो इनको catch करता है मिसाइल पर लगा होता है 

चीलू : पता नहीं सर 

सदस्य : कोशिश करो 

चीलू : सर क्या आप हीट सेंसर की बात कर रहे हैं ?

सदस्य : हाँ 

चीलू : हँसते हुए वही होता है सर 

(अब PA सर ने रोक दिया और कहाँ चीलू आप जा सकते हैं ...)

मैंने कहा धन्यवाद सर ...

मैंने जाते हुए ..मुस्की स्माइल मारी और कहा ..आप सभी को शुभ दिवस   

इसके साथ इंटरव्यू का समापन हो गया दोस्तों ...

मैं बहार आया ...और दोस्तों से पुछा समय कितना हुआ है ..तो उन्होंने कहा 3: 15  (मैं 15 मिनट बहार बैठ था ...तो लगभग 40-45 मिनट चला होगा इंटरव्यू )

 ....और सारे लोग परेशान थे क्यूंकि हमारे ग्रुप में दुसरे बच्चे का नंबर बहुत देर से आया 

मैंने सबको धधास बंधाया की सर का मूड बहुत अच्चा है cordial है .. आप चिंता न करें ...

और ये कह के मैं हॉल से बहार निकल आया 

व्यक्तिगत तौर पर ..कुछ जगह पर बेटर हो सकता था .. इनोवेशन क्रिएटिविटी का पता था ..वो बेटर हो सकता था .. और भी कुछ जगह ...

लेकिन किन्तु परन्तु तो जीवन में चलते रहते हैं ..

संतुष्टि इस बात की है की ..बोलने का पूरा मौका दिया गया ... कहीं पर टोका नहीं गया ...बहुत उत्साह बढाया गया ...सदस्य हँसते रहे ... PA सर की जो छवि सुनी थी उससे विपरीत छवि मिली वहाँ ...

जैसे शब्दों का मैंने प्रयोग किया था लगभग वैसे ही यहाँ लिखा है ....

कुछ गलती हो गयी हो तो क्षमा कीजियेगा ...

अंक कम आयें या ज्यादा आयें चीलू को सम  भाव से स्वीकार कीजियेगा 

****************************************************************************

Got 190 marks for this interview